BJP ने एनसीपीसीआर में शिकायत दर्ज कराकर ‘देश के मेंटर’ अभियान को रोकने की कोशिश की : सिसोदिया


दिल्ली सरकार के ‘देश का मेंटर’ (‘Desh ke Mentor’) कार्यक्रम में शामिल सभी मेंटर को बोर्ड में लेने से पहले उनका साइकोमीट्रिक टेस्ट लिया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को यह टिप्पणी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा उठाई गई आपत्ति के जवाब में की। आयोग द्वारा बच्चों के अज्ञात लोगों के संपर्क में आने और अपराध तथा दुर्व्यवहार की आशंका पर चिंता जताते हुए कार्यक्रम को स्थगित करने की मांग की गई थी।

इसके साथ ही सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का ‘देश का मेंटर’ कार्यक्रम जारी रहे, इसलिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के एक बीजेपी कार्यकर्ता की शिकायत पर इस कार्यक्रम को रोकने के लिए एनसीपीसीआर का इस्तेमाल किया, जिन्होंने कहा कि यह एक बच्चे की सुरक्षा के लिए “खतरा” है।

वहीं, सिसोदिया के आरोपों पर एनसीपीसीआर प्रमुख कहा कि कि हमने दिल्ली सरकार से 3-4 चीजें पूछी हैं। वे इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं, लेकिन सच नहीं बोल रहे हैं। उनसे पूछा गया है कि क्या कोई पेशेवर साइकोमीट्रिक टेस्ट ले रहा है। बच्चे संभावित बलात्कारियों के संपर्क में तो नहीं आएंगे, इसकी जांच के लिए वे क्या कर रहे हैं?

उपमुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने कार्यक्रम की संरचना तय करते समय इन विषयों पर अत्यधिक ध्यान दिया है। कार्यक्रम के तहत, सभी महिला छात्रों को महिला सलाहकार आवंटित किया जाता है, जबकि सभी पुरुष छात्रों को पुरुष सलाहकार आवंटित किए जाते हैं। कार्यक्रम के तहत संरक्षक के आवंटन के लिए छात्रों के वास्ते माता-पिता की सहमति अनिवार्य कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि उन सभी लोगों का साइकोमीट्रिक मूल्यांकन किया जा रहा है जो मेंटर के रूप में सहभागिता के लिए आगे आए हैं और केवल परीक्षा पास करने वालों को छात्र/छात्राएं आवंटित किए जा रहे हैं।

‘देश का मेंटर’ कार्यक्रम पिछले साल अक्टूबर महीने में शुरू किया गया था। इसके तहत नौवीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को समर्पित ‘मेंटर’, उनके करियर एवं जीवन के संदर्भ में मार्गर्दशन देंगे। इस कार्यक्रम के ब्रांड एम्बेसडर बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद हैं। इसके तहत मेंटर को सरकारी स्कूल के 10 छात्रों को गोद लेने की आवश्यकता होती है। मेंटर की भूमिका अपने संबंधित क्षेत्रों में सफल नागरिकों द्वारा निभाई जाती है जो इन छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं।

एनसीपीसीआर का कहना है कि इस कार्यक्रम से बच्चों को कुछ खतरों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले महीने आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और इस सप्ताह की शुरुआत में उसने फिर से पत्र लिखकर कहा था कि जो जवाब उसे मिला है उसमें उपयुक्त तथ्य मौजूद नहीं हैं। 





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